मैं बस मोहब्बत हूँ!

Niharika Chaturvedi
2 min readMay 13, 2021

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चाहे तुम जितना भी तर्क लगा लो
विचारों और धर्मों का फ़र्क़ बता लो
चाहे तुम अपने अस्तित्व को जमाने
एक हिंदू राष्ट्र बना लो

पर मुझे ना सिखाओ प्यार ना करना
कि मुझे बस आता है लकीरों को भरना
मुझे ना बताओ राजनीति के बंधन
मुझे ना सुनाओ इतिहास के ग़ंथन

क्यूँकि मैं कुछ कही ना मानूँ
मैं तो इतना ही जानूँ….
कि मैं बस प्यार हूँ मोहब्बत हूँ।

मुझे बस पता है इंसानियत ही
मुझे बस पता है दानी और दाता
मेरे पास मोहब्बत है और प्यार है
और सभी के लिए इसका अम्बार है

और में अकेली नहीं हूँ इस राह में
मेरे साथ मेरे सम विचारक
खड़े हैं एक लम्बी क़तार में
तुम्हें ये बताने कि मानवाधिकार हर मानव का अधिकार है
उसे ना बताओ की हज़ार साल पहले, किसी ने क्या जुल्म किए ना किए थे
उसे ना बताओ की उसके पैरों तले जो ज़मीन है
वो उसकी नहीं है
उसे ना बताओ की देश उसका है या नहीं है

जब देश उसका है जो विदेशों में बैठा नागरिकता त्याग चुका है
तो उसका कैसे नहीं जो इस मिट्टी को दिल
में सींचे जिया है
तुम कौन होते हो उस से पूछने वाले
तुम कौन होते हो उसे बताने वाले
जब देश को बेचने वाले हर दर खड़े हैं
ईमान और इंसानियत के पाठ ना जिसने पढ़े हैं

अपने दिलों से नफ़रत जब निकाल पाओगे कभी
राजनीति से ऊपर सोच पाओगे कभी
तो शायद तुम्हें भी बस एक बच्चे की मुस्कुराहट दिखेगी
शायद तुम्हें भी एक माँ का प्यार दिखेगा
क्या उसने है पहना, क्या उसने है सुना
भजन या आज़ान या गुरुबानी
फ़रक ना पड़ेगा

बहुत ऊँची तुम्हारे इन खट-खेलों से
एक भावना है जिसको सिर्फ़ दर्द छूता है,
वो दर्द किसका है ये मैं ना देखूँ
पर उस दर्द को मलहम लगाने मैं खड़ी
निष्पक्ष हूँ उदार हूँ
मैं बस मोहब्बत हूँ , प्यार हूँ !

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Niharika Chaturvedi

"History will only change when we are able to use the energy of love, just as we use the energy of the wind, the seas, the atom."